नेशनल एजुकेशन पालिसी 2023: Education Policy,नई शिक्षा नीति PDF in Hindi

National Education Policy Details, नेशनल एजुकेशन पालिसी नई शिक्षा नीति क्या है और National Education Policy 2022 लाभ, विशेषता, कार्यान्वयन प्रक्रिया व उद्देश्य क्या है एवं NEP PDF डाउनलोड करे

जैसे की हम सब जानते है की हालि में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया है। इसमें बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया है। आज आपको हम अपने इस लेख के माध्यम से इस National Education Policy से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे है जिसके माध्यम से इस पॉलिसी के माध्यम से आने वाले समय में शिक्षा के छेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे।आजतक नहीं देखने को मिले हैं। हम जानते हैं कि हाल ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रतालय द्वारा एजुकेशन पालिसी में बदलाव किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के तहत नई शिक्षा नीति 2022 में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक बहुत से बदलाव किये गए हैं। इस लेख में हम आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के उद्देश्य, विशेषताएं एवं लाभों  के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

Table of Contents

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है?

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार स्कूलों और कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जा रही है। भारत सरकार द्वारा इस नई नेशनल एजुकेशन पालिसी 2022 की शुरुआत की गयी है, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा एजुकेशन पालिसी में बहुत से बदलाव किये गए हैं। इस नई एजुकेशन के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाया जायेगा। इस नई शिक्षा नीति के अनुसार मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जायेगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अनुसार 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। हम जानते हैं की पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अनुसार 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल किया गया था।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी

National Education Policy 2022 के तहत सर्वोत्तम वातावरण

हमारे देश के छात्रों को प्रभावी तरीके से सीखने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसके लिए पाठ्यक्रम, आकर्षक शिक्षाशास्त्र, निरंतर रचनात्मक मूल्यांकन और पर्याप्त छात्र सहायता शामिल है। पाठ्यचर्या दिलचस्प और प्रासंगिक होनी चाहिए जिसे ज्ञान और सीखने के परिणामों की नई जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर अद्यतन किया जाना चाहिए। छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री को सफलतापूर्वक ले जाने के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण पद्धति आवश्यक है। शिक्षण के ये तरीके छात्रों के सीखने के अनुभवों को निर्धारित करते हैं जो सीधे सीखने के परिणामों को प्रभावित करते हैं। आकलन विधियों को वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया जाना चाहिए ताकि सीखने और ज्ञान के अनुप्रयोग में निरंतर सुधार के लिए परीक्षण किया जा सके। अंत में, कुछ क्षमताओं का विकास जो छात्रों की बेहतरी के लिए आवश्यक हैं जैसे फिटनेस, अच्छा स्वास्थ्य, मनो-सामाजिक कल्याण, बेहतर नैतिक मूल्यों की नींव आदि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी यह जरूरी है।

ड्रॉपआउट रेट को कम करना और सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना

केंद्र सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को शुरू करने का एक मुख्य उद्देश्य बताया गया है की इस योजना के तहत स्कूल छोड़ने की दर को कम किया जा सके और हमारे देश के अधिक से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान की जा सके, और इस योजना से शिक्षा व्यवस्था को लचीला बनाया जाएगा। जिससे हमारे देश के बच्चों को आसानी से शिक्षा मिल सकेगी और बच्चे अपनी पसंद का विषय चुन सकते हैं। नई शिक्षा नीति के तहत पसंद के विकल्प को लचीला बनाया गया है, ताकि ड्रॉपआउट रेट में कमी आ सके।

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नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन पूर्ण देश में जून से लागू

शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से जून 2022 से प्रगति की निगरानी के लिए नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 कार्यान्वयन प्रक्रिया को आरम्भ किया जाएगा, और सूत्रों के मुताबिक, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर नीतिगत बदलावों को लागू करने पर ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 181 कार्यों की पहचान की है जिन्हें नई शिक्षा नीति से पूरा किया जाएगा, और कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में सरकारों ने इन कार्यों के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। कर्नाटक की टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है जहां यह सुझाव दिया गया है कि यह नीति 2021 में लागू की जाएगी, लेकिन अभी तक राज्य और केंद्र सरकारों ने इन सिफारिशों पर अपनी सलाह नहीं दी है।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लाइव डैशबोर्ड

हम सभी नागरिक जानते है की हमारे देश में इस नई शिक्षा नीति या नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को शुरू इसरो के प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में  करा है। इस नई शिक्षा निति को कैबिनेट के माध्यम से मंजूरी मिल चुकी है, जिससे आने वाले साल में इस पालिसी के द्वारा स्कूल और कॉलेज स्तर शिक्षा प्रणाली में कई प्रकार के बदलाव दिखाई देंगे। इसके अलावा सरकार ने इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए जून 2021 से एक लाइव डैशबोर्ड लॉन्च करने की घोषणा की है। इस लाइव डैशबोर्ड की सहायता से कार्यान्वयन प्रक्रिया की पूरी निगरानी की जाएगी और इसके साथ ही, नई शिक्षा नीति के लिए कॉलेज एवं विश्वविद्यालय द्वारा बदलाव को लागू करने पर सरकार द्वारा जोर दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा 118 काम शामिल किए गए हैं। जैसे स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, रीजनल लैंग्वेज एजुकेशन, यूनिवर्सिटी डिग्री, क्रेडिट बैंक सिस्टम आदि। इसके अलावा, इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा के माध्यम से NEP 2020 के कार्यान्वयन और संबंधित चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए एक टास्क फोर्स आरम्भ किया गया है, और शिक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया है की इस डैशबोर्ड के माध्यम से हमारे पास भी जानकारी रहेगी।

एनईपी के अंतर्गत इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी

नई शिक्षा नीति के तहत मंत्रालय के माध्यम से एक कार्यान्वयन और समीक्षा समिति की शुरुआत की गई है, और यह गठन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा। इस समिति के माध्यम से नीति की अच्छे से जांच हो सकेगी और साथ ही क्रेडिट बैंक सिस्टम और आईआईटी के लिए कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गोवा सरकार द्वारा एक टास्क फोर्स का भी गठन करा जाएगा। केंद्र सरकार के माध्यम से यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में कोई लाहपरवाही या कमी पाई जाती है तो राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को इस कमी के लिए जवाब देना होगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी काम कैसे करेगी ?

भारत की नई शिक्षा नीति विशेष रूप से चार नए चरणों में अपना कार्य करेगी 5+3+3+4 के पैटर्न को प्रयोग में लेकर स्टूडेंट की शिक्षा छेत्र को आगे बढ़ाया जायेगा। इस पैटर्न के अंतर्गत सरकार के द्वारा 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की स्कूली शिक्षा शामिल किया जायेगा New Education Policy 2022 को सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल दोनों संस्थाओ को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जायेगा।

नई शिक्षा नीति

शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर बढ़ाने के लिए नई शिक्षा नीति में कई प्रावधान किए गए हैं। नई स्कूली शिक्षा प्रणाली में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रारूप में भी बदलाव किये जायेगे। टीईटी परीक्षा के दो भाग थे – भाग 1 और भाग 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा प्रणाली की संरचना को चार भागों में विभाजित किया जाएगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। टीईटी का पैटर्न भी इसके आधार पर सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित विषयों में एनटीए टेस्ट स्कोर की जांच भी की  जा सकती है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) सभी विषयों की परीक्षा और कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन करेगी।

Highlights of National Education Policy

नामनेशनल एजुकेशन पॉलिसी
आरम्भ की गईशिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल
विभागशिक्षा विभाग, भारत सरकार
लॉन्चिंग का वर्ष2021
लाभार्थीभारत के नागरिक
उद्देश्यशिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
श्रेणीकेंद्र सरकारी योजनाएं
आधिकारिक वेबसाइटwww.mhrd.gov.in/

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द की जाएगी आरंभ

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को वर्ष 2020 में पेश किया गया है और जल्द ही इसके  कार्यान्वयन योजना सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। 1968 और 1986 के बाद यह तीसरी शिक्षा नीति है जिसके तहत, शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाना, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा सामग्री प्रदान करना, आदि ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। यह शिक्षा नीति आने वाले 2 दशकों के लिए डिज़ाइन की गई है। इस शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सितंबर के महीने में एक शिक्षा उत्सव का आयोजन किया गया था जिसके के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। मंत्रालय ने इस शिक्षा उत्सव के माध्यम से 15 लाख हितधारकों के सुझाव प्राप्त किए थे।

अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्स

सरकार के द्वारा इस योजना के अंतर्गत नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान कर दिया गया है। इन सब को देखते यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप चुनाब लेने का फैसला लिया गया है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान किया जाता है।

बुनियादी साक्षरता और संख्यामकता

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी प्रारंभिक शिक्षा के घटक के तहत बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान विकसित करने के लिए निपुण योजना को आरम्भ किया जाएगा, और इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन पठन विथ अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी होगा। सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से छात्रों को तीसरी कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान प्रदान किया जा सकता है।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत व्यवसायिक शिक्षा

हम सभी नागरिक जानते है की हमारे देश में व्यावसायिक शिक्षा लेने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है, और उन सभी में से 18-24 आयु वर्ग के 5% से कम छात्र औपचारिक व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही अन्य देशों में यह संख्या 50% से 75% के बीच में होती है। सरकार द्वारा बताया गया है की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि हमारे देश के बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके और इसको बढ़ावा देने का मुख्य उदेश्य यह बताया है की हमारे देश में व्यावसायिक शिक्षा का महत्व कम माना जाता है, और इस नीति के द्वारा व्यावसायिक शिक्षा से जुड़ी सामाजिक धारणा को दूर करना है और व्यावसायिक शिक्षा का ज्ञान देश के अधिक से अधिक छात्रों को प्रदान करना है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के द्वारा वर्ष 2025 तक कम से कम 50% छात्रों को स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा देने की घोषणा सरकार ने की है।

फ्री सिलाई मशीन योजना

नई शिक्षा नीति के तहत समग्र और बहू विषयक शिक्षा

समग्र और बहु-विषयक शिक्षा का अर्थ है सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक, नैतिक आदि मानव की सभी क्षमताओं को एकत्रित करके विकसित करना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों को व्यापक और बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसके लिए लचीला पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। उच्च शिक्षा में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट का विकल्प होगा। जिससे बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा मिल सके, और कृषि कार्यक्रम की अवधि को आवश्यकता अनुसार बदला भी जा सकता है।

MYNEP2020 प्लेटफार्म का शुभारंभ

MYNEP2020 प्लेटफार्म को केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक जी के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म के द्वारा लांच किया गया है। 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 यह प्लेटफार्म शुरु रहेगा। नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के ड्राफ्ट तैयार किया जायेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की किया जायेगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समीक्षा

अब इन सुझावों की समीक्षा की प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक मसौदा कार्यान्वयन योजना तैयार की गई है। यह कार्यान्वयन योजना सितंबर 2020 में ही मंत्रालय द्वारा तैयार की गई थी। 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नेशनल एजुकेशन पालिसी योजना के तहत, हितधारकों से प्रतिक्रिया प्राप्त की गई थी। विशेषज्ञों के एक समूह में इस प्रतिक्रिया को देखा और कार्यान्वयन योजना में शामिल किया गया। अब इस योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है और कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द ही मंत्रालय द्वारा जारी की जाएगी। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का जमीनी काम शुरू हो गया है और इसे मंत्रालय द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में विकसित किया जाएगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का विवरण

  • शिक्षकों के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत व्यावसायिक विकास अनिवार्य कर दिया गया है। दीक्षा मंच पर इसके लिए 50 घंटे का एक मॉड्यूल शुरू किया गया है, जिसमे 4 से 5 घंटे के 18 मॉड्यूल होंगे। शिक्षकों के लिए इस मॉड्यूल के माध्यम से, इन-सर्विस प्रशिक्षण आयोजित किया जा सकेगी, जिसमे प्राथमिक शिक्षा के सभी पहलु शामिल होंगे।
  • फाउंडेशन साक्षरता और कई मिशन को राष्ट्रीय मिशन के तहत, शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया है।
  • सरकार दीक्षा मंच के माध्यम से ई-लर्निंग का विस्तार करने का प्रयास कर रही है। ताकि छात्रों को ई कंटेंट उपलब्ध हो सके।
  • छात्रों की मानसिक शिक्षा को भी इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में महत्व दिया जाएगा। इसके लिए, मनुदर्पन नामक एक पहल सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसके माध्यम से छात्रों को परामर्श और भावनात्मक सहायता मिलेगी। नेशनल टोल फ्री नंबर, ऑनलाइन चैट, नेशनल लेवल डायरेक्टरी और डेटाबेस ऑफ काउंसलर्स को इस मैनुडरप इनिशिएटिव के तहत विकसित किया जाएगा।
  • एनसीआरटी ने भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के साथ एक समझौता हस्ताक्षरित किया हैं, जिसमे स्कूल शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा का एक शब्दकोष बनाया जाएगा।
  • एनईपी के तहत, चरणबद्ध तरीके से सीबीएसई परीक्षा सुधार किए जा रहे हैं जो की वर्ष 2021 से लागू किए जाएंगे। गणित और हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत अकादमिक वर्ष 2021-22 से दो स्तरों पर पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, कक्षा दसवीं और बारहवीं के लिए बोर्ड परीक्षा में योगदान आधारित प्रश्नों में वृद्धि होगी। ये प्रश्न बोर्ड परीक्षा में प्रस्तुत किए गए हैं और प्रतिवर्ष 10% की दर से बढ़ाए जा रहे हैं।

पर्सनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षक प्रशिक्षण

नेशनल एजुकेशन पालिसी को वर्ष 2020 में लागू किया गया है। इस शिक्षा नीति में सरकार ने शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया  है ताकि छात्रों का विकास हो सके। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 7 जनवरी 2021 को, शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। हमारे देश के बच्चों के भविष्य के लिए यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बहुत फायदेमंद साबित होगी। इस नीति के तहत शिक्षा को मातृभाषा में प्रदान किया जाएगा, माध्यमिक विद्यालय से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और विश्व स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। छात्रों को, नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत, मूल्य-आधारित समावेशी शिक्षा प्रदान की जाएगी, उनका वैज्ञानिक स्वभाव विकसित किया जाएगा और उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत, शिक्षा प्रदान करने और ऑनलाइन पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी (NETF) स्थापित करने का प्रावधान है। भारत के छात्र भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री जी का संबोधन

हमारे देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 के मुख्य तथ्यों पर चर्चा की  जो इस प्रकार है।

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति एक नए भारत का आधार बनेगी यह भारत के छात्रों को एक वैश्विक नागरिक बनाएगी और साथ ही उन्हें अपनी सभ्यता से भी जोड़े रखेगी।
  • इस नई शिक्षा नीति छात्रों को अपने पैशन को फॉलो करने का अवसर प्रदान करेगी 
  • इस संबोधन में, प्रधान मंत्री ने गिरोह मानसिकता का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्रों को उनकी रुचि, क्षमता और मांग की मैपिंग करनी चाहिए।
  • प्रधान मंत्री जी के अनुसार छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग को डिवेलप करने की आवश्यकता है क्युकी अब जब हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां कोई व्यक्ति अपने पूरे जीवन में किसी ही पेशे का पालन नहीं करता, तो यह नई शिक्षा नीति इस बात को भी ध्यान में रखकर, विविधता के साथ शुरू कि गयी है।
  • अब तक की शिक्षा नीति में आप जो सोचते थे उस पर ध्यान केंद्रित करते थे, लेकिन यह नई शिक्षा नीति अब इस पर ध्यान केंद्रित करेगी कि कैसे सोचा जाए।
  • इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहेगा और साथ ही शिक्षकों ने प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई प्रविष्टि और निकास के बारे में भी विस्तार से बताया है और साथ ही इस नई शिक्षा नीति में कक्षा 5 तक क्षेत्रीय भाषा में शिक्षण का प्रावधान शामिल है।

अब समग्र शिक्षा में प्री प्राइमरी भी शामिल होगी

शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन में लगा हुआ है। इस बीच, यह निर्णय लिया गया है कि अगले वर्ष से समग्र शिक्षा में प्री-प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा, जो की एक बहुत बड़ी पहल है। शिक्षा मंत्रालय कोरोना अवधि के कारण स्कूलों में शुरू की गई ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत करने की भी कोशिश कर रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से समग्र शिक्षा के तहत प्रस्ताव भेजने का सुझाव भी दिया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी ने की अध्यक्षता में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। बदलाव के बारे में अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। जल्द ही मंत्रालय सीबीएसई, एनसीईआरटी और एनसीटीई के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी जो शिक्षा में किए जाने वाले बदलावों को तय करेगी।

 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

स्कूल बैग का वज़न तथा होमवर्क कम किया जाएगा 

शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 के तहत कई नए निर्णय लिए गए हैं। इस नीति के तहत, कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10% होना चाहिए। इससे अधिक वजन वाली पुस्तकें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही, बच्चों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्हील कैरियर बैग लाना वर्जित है, क्योंकि इससे बच्चों को चोट लगने का खतरा रहता है। सभी स्कूलों में डिजिटल वेटिंग मशीन होगी, ताकि सभी बच्चों के स्कूल बैग के वजन पर नजर रखी जा सके। यह नीति दस्तावेज में यह भी है कि स्कूल बैग हल्के होने चाहिए और उनमें उचित कंपार्टमेंट्स होने चाहिए। स्कूल बैग में 2 समायोज्य पट्टियाँ होनी चाहिए, जिससे स्कूल बैग बच्चों के कंधों पर फिट बैठ सके।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य

हम जानते हैं कि यदि भारत के शिक्षा स्तर को ऊंचाइयों तक या वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है तो शिक्षा नीति में समय-समय पर बदलाव आवश्यक हैं। इस बदलाव के कारण ही भारत में समय-समय पर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आयी है। भारत में फिर से शिक्षा नीति में बदलाव की स्थिति बनी है जिससे इस शिक्षा नीति में नई क्रांति लायी जा सके। इस बदलाव के लिए के ही भारत सरकार द्वारा नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की शुरुआत की  जा रही है। इस National Education Policy 2021 का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर तक पहुँचाया जा सके, जिससे भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाया जा सके। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। इस एजुकेशन पालिसी के ज़रिये पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में बहुत से संशोधन किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और बच्चे आसानी से उचित शिक्षा प्राप्त कर सकें।

छात्र वित्तीय सहायता

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा और  पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। ताकि बच्चों को अध्ययन और प्रगति के लिए प्रोत्साहित किया जाए। निजी शैक्षिक संस्थानों को भी अपने बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

IIT बहुविषयक संस्थान बनाए जाएंगे

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, IIT जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों में मानविकी छात्रों के लिए दरवाजे खोले जाएंगे और साथ ही आईआईटी बहु-विषयक शिक्षा की ओर बढ़ेगा।

विदेशी छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय

इसके तहत भारत को सस्ती कीमत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाली वैश्विक शिक्षण साइट के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के तहत, विदेशी छात्रों की मेजबानी के लिए प्रत्येक संस्थान में एक अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से अनुसंधान की संस्कृति को सक्षम किया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा। जिसके साथ नए शोध सामने आएंगे जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।

एनईपी के तहत बोर्ड का महत्व

एनईपी के तहत बोर्ड परीक्षा का महत्व कम कर दिया गया है, ताकि बच्चों के लिए तनाव कम हो जाए। अब बोर्ड परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी और साथ ही  नई शिक्षा नीति के तहत ज्ञान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पाठ्यक्रम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम को भी कम किया जाएगा, केवल ऐसे पाठ्यक्रम को रखा जाएगा जो अनिवार्य है। इसके साथ, क्रिटिकल थिंकिंग पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के तहत, शिक्षा को प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी बढ़ावा दिया जाएगा जैसे कि टीवी चैनल, ऑनलाइन किताबें, ऐप आदि।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सुविधाएं

  • स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता अच्छी हो, ताकि बच्चों को लंच बॉक्स नहीं लाना पड़े। स्कूलों में पानी की सुविधा भी ठीक से उपलब्ध हो, ताकि बच्चों को पानी की बोतलें नहीं लानी पड़े। इन सुविधाओं के कारण, स्कूल बैग का आकार कम हो जाएगा।
  • बच्चों के बैग के वजन को कम करने के लिए स्कूलों में क्लास टाइम टेबल भी बनाए जाएंगे। स्कूलों में रखी गई सभी पुस्तकों का वजन प्रकाशकों द्वारा उन पर मुद्रित किया जाएगा। स्कूलों द्वारा पुस्तकों का चयन करते समय पुस्तकों के वजन पर भी ध्यान दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के होमवर्क पर भी ध्यान दिया गया है। इस योजना के तहत, दूसरी कक्षा तक बच्चों को कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा, क्योंकि पहली और दूसरी कक्षा के छात्र बहुत कम उम्र के हैं और उन्हें इतने लंबे समय तक बैठने की आदत नहीं होती है।
  • कक्षा III, IV और V के बच्चों को हर हफ्ते केवल 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को रोजाना 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। और 9 वीं से 12 वीं कक्षा के बच्चों को प्रति दिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के कुछ मुख्य अंश

  • कई प्रविष्टियां और निकास बिंदु उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ होंगे।
  • ग्रेजुएट कोर्स 3 से 4 साल का हो सकता हैं, जिसमें कई निकास विकल्प होंगे। जो उचित प्रमाण पत्र के साथ होगा जैसे अगर आपने 1 साल के स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययन किया है, तो आपको एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, 2 साल बाद अग्रिम डिप्लोमा दिया जाएगा, 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री दी जाएगी।
  • शैक्षणिक बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा, जिसमें छात्रों द्वारा अर्जित डिजिटल अकादमी क्रेडिट को विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से एकत्र किया जाएगा और अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया और गिना जाएगा।
  • पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम करते हुए, इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ई-लर्निंग पर जोर देना भी है।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी।
  • 2030 तक, हर जिले में कम से कम एक बड़ा बहु-अनुशासनात्मक उच्च शिक्षा संस्थान बनाया जाएगा।
  • इस नई शिक्षा नीति में 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहु-विषयक संस्थान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग समग्र उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र निकाय होगा। (चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर)
  • भारत के उच्च शिक्षा आयोग में चार वर्टिकल होंगे जो राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामक परिषद, सामान्य शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद होंगे।
  • शिक्षा नीति के तहत, सरकारी और निजी शिक्षा समान होगी और विकलांग लोगों के लिए शिक्षा बदली जाएगी।

National Education Policy 2022 के विशेषताएं

  • इस पालिसी के अनुसार मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
  • National Education Policy 2021 के अनुसार शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा और इसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की जाएगी।
  • हम जानते हैं कि पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जा रहा था लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अनुसार 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा, जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा प्रदान किया जाएगी।
  • इस नई शिक्षा नीति के अनुसार छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।
  • पालिसी के अनुसार पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।
  • पहले शिक्षा नीति में साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट स्ट्रीम होती थी, लेकिन अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी, अब छात्र अपनी इच्छा के अनुसार विषय चुन सकते हैं।
  • शिक्षा नींति के अनुसार छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी विषय पढ़ सकते हैं।
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अनुसार छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।
  • इस National Education Policy 2021 के अनुसार सभी स्कूल डिजिटल इक्विप्ड किए जाएंगे।
  • सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जा सकेगा।
  • नई शिक्षा नीति के माध्यम से वर्चुअल लैब डिवेलप किया जायेगा।

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नई शिक्षा नीति के लाभ

  • इस पालिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
  • इस दी जाने वाली शिक्षा में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा यदि छात्र अगर चाहे तो यह भाषाएं पढ़ सकते हैं।
  • बोर्ड की परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा क्योंकि ऐसा हो सकता है कि छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार ली जा सकती है।
  • शिक्षा को प्रदान करने के लिए या आसानी से शिक्षा  प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • नई पालिसी के दौरान हाइर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
  • एक्स्ट्रा पाठ्यक्रम क्रियाओं को मैन सिलेबस में रखा जाएगा।
  • इस पालिसी के दौरान छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगी जो कि राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्धारित करेंगी।
  • इस प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि यह पॉलिसी का संचालन सुचारू रूप से चलाया जायेगा।
  • नई एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

National Education Policy 2022 के चार चरण

इस पालिसी के दौरान नई शिक्षा नीति को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो कि 5+3+3+4 पैटर्न है। नए पैटर्न में 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा शामिल की गयी है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सरकारी तथा प्राइवेट दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के चार चरण निम्न दिए प्रकार दिए गए हैं-

National Education Policy
  • फाउंडेशन स्टेज- फाउंडेशन स्टेज को 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए तैयार किया गया हैं, जिसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा और 2 साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो) शामिल है। फाउंडेशन स्टेज के अनुसार भाषा बच्चों के कौशल और शिक्षण के विकास पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • प्रिप्रेटरी स्टेज- प्रिप्रेटरी स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल किये गए हैं। इस स्टेज में बच्चों की संख्यात्मक कौशल और भाषा में विकास करना शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा और साथ ही इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में भी पढ़ाया जाएगा।
  • मिडिल स्टेज-  मिडिल स्टेज के अनुसार इस स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को शामिल किया जायेगा। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग सिखाये जाने का प्रावधान किया गया है और साथ ही उन्हें व्यवसायिक परीक्षण के साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
  • सेकेंडरी स्टेज- सेकेंडरी स्टेज के अनुसार इस स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को शामिल किया गया है। जिस तरह पहले, बच्चे साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम लिया करते थे, लेकिन अब यह खत्म कर दिया गया है, अब बच्चे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते हैं, जैसे बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स का या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स के  भी ले सकते हैं।

उच्च शिक्षा में ये बदलाव

उच्च शिक्षा में सरकार ने नई शिक्षा नीति में जो बदलाव किए हैं वो वो निम्न प्रकार दिए गए हैं-

  • मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन
  • शिक्षा में तकनीकी को बढ़वा
  • 8 क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्सेस शुरू
  • दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा में बदलाव
  • हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर
  • सरकारी और प्राइवेट शिक्षा मानक समान
  • लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन शामिल नहीं
  • पांच साल का कोर्स वालों और एमफिल में छूट
  • कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी
  • उच्च शिक्षा में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प
  • नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की होगी स्थापना

स्कूली शिक्षा में ये बदलाव

स्कूल की शिक्षा में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो निम्न प्रकार दिए गए हैं-

  • रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल
  • बच्चों के लिए नए कौशल: कोडिंग कोर्स शुरू
  • वोकेशनल पर जोर: कक्षा 6 से शुरू होगी पढ़ाई
  • साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित
  • एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज-मेन कैरिकुलम में शामिल
  • 9वीं से 12वीं की पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर
  • 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन
  • एनसीईआरटी द्वारा फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु
  • नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार : बोर्ड एग्जाम दो भाग में (सेमेस्टर प्रणाली)

स्कूल लेवल पर वोकेशनल स्टडी पर फोकस

  • प्रत्येक बच्चा कम से कम एक वोकेशन जरूर सिखाया जायेगा और कई चीजों के संपर्क में आए जिसके लिए उनको जानकारी प्रदान की जाएगी।
  • ग्रेड्स 6-8 के के लिए राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा तय किए गए महत्वपूर्ण व्यावसायिक शिल्प जैसे- बढ़ईगीरी, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाने आदि से संबन्धित व्यवसाय की जानकारी प्रदान की जाएगी।
  • वर्ष 2025 तक स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50% शिक्षार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा के लिए जोखिम उठाना होगा जिसके लिए शिक्षकों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी उचित कदम उठाये जायेंगे।
  • स्थानीय व्यावसायिक विशेषज्ञों जैसे- बढ़ई, माली, कुम्हार, कलाकार, आदि के साथ 6-8 से 10 वीं की पढ़ाई के दौरान कुछ समय के लिए 10 दिन का बैगलेस पीरियड मतलब इंटर्नशिप भी दी जाएगी।

नई शिक्षा नीति 2022 की स्ट्रीम्स

छात्रों को अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत एक स्ट्रीम का चयन नहीं करना होगा। अब छात्र साइंस स्ट्रीम के साथ-साथ आर्ट स्ट्रीम, आर्ट्स स्ट्रीम के साथ साइंस स्ट्रीम का भी अध्ययन कर सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम की जगह पाठ्यक्रम के रूप में ही देखा जाएगा, जिसमें योग, खेल, नृत्य, मूर्तिकला, संगीत आदि शामिल हैं। NCERT राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किये जाएंगे । शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं को अलग नहीं किया जाएगा ताकि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का अवसर मिले।

4 साल की B.Ed

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 के तहत B.Ed की अवधि को बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। 2030 के अंत तक, एक शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता 4 वर्षीय B. Ed प्रोग्राम होगी। निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने वाले सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वोकेशनल स्टडीज पर फोकस

भारत देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वाले छात्र 5% से कम है। इन सब को देखते हुए नई शिक्षा निति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सिखने पर पूरा ध्यान दिया जायेगा। जिसके अंतर्गत बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है। 2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा।

मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा

बाल भाषाविज्ञान के अनुसार, अगर बच्चों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाता है, तो वे इस मामले को अधिक आसानी से समझ पाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 के तहत बच्चों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने का प्रावधान किया गया है। अब पांचवीं कक्षा तक शिक्षकों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्य पुस्तकों को क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा और यदि पाठ्यपुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है, तो इस मामले में बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगी। कक्षा पहली से, दो से तीन भाषाओं को बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पाठ्यक्रम

National Education Policy 2022 के तहत पाठ्यक्रम को भी काम किया जायेगा। आपको बता दे की केवल इतने ही पाठ्यक्रम रखे जायेंगे जितने की आवश्यकता होगी। केंद्र सरकार के द्वारा इसी के साथ क्रिटिकल थिंकिंग पर ज़्यादा ध्यान दिया जायेगा। टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे टीवी चैनल, ऑनलाइन बुक, एप आदि से भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जायेगा।

शिक्षकों की भर्ती

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 के तहत अगर उन शिक्षकों की कमी है जो दी गई भाषाएँ बोलते हैं, तो ऐसी स्थिति में, उन भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की भर्ती के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। जिसके तहत रिटायर हो रहे शिक्षकों को दोबारा भी बुलाया जा सकता है।

विदेशी भाषा सिखाने पर जोर

बच्चे माध्यमिक विद्यालय में अपनी पसंद की विदेशी भाषा भी सीख सकते हैं। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चीनी, जापानी आदि शामिल होंगे। ये सभी प्रयास भारत की शिक्षा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का एक प्रयास है।

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Contact Details

इस लेख के द्वारा हमने आपको राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुडी पूरी जानकारी के बारे में बताया है, अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है तो आपको नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

  • Email Id- dkchaturvedi@ncte-india.org
  • Contact Number- 011- 20893267, 011-20892155

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Conclusion

हमारे द्वारा आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्रदान की गयी है। यह एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला साबित होगा, जो कि भविष्य में छात्रों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। हम उम्मीद करते हैं कि आप नई शिक्षा नीति से संबंधित सभी जानकारी समझ चुके हैं। यदि National Education Policy 2021 के सन्दर्भ में किसी भी तरह का अपडेट आता है, तो हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से सूचित कर दिया जायेगा।

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हम उम्मीद करते हैं की आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से सम्बंधित जानकारी जरूर लाभदायक लगी होंगी। इस लेख में हमने आपके द्वारा पूछे जाने वाले सभी सवालो के जवाब देने की कोशिश की है।

यदि अभी भी आपके पास इस योजना से सम्बंधित सवाल है तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। इसके साथ ही आप हमारी वेबसाइट को बुकमार्क भी कर सकते हैं।

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