राष्ट्रीय पोषण माह 2022: 5वां राष्ट्रीय पोषण माह 1 से 30 सितंबर तक

राष्ट्रीय पोषण अभियान 1 से 30 सितंबर मनाया जाएगा | 5th Rashtriya Poshan Abhiyan 2022 | राष्ट्रीय पोषण माह पूरी जानकारी हिंदी में 

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह का संचालन देश भर बच्चे, स्तनपान महिलाओ एवं गर्भवती महिलाओ,किशोरों के लिए पोषण संबंधी सुविधा प्रदान करने का कार्य करता है हल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान का पांचवा राष्ट्रिय पोषण माह का शुभारम्भ कर दिया गया है जो 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक चलेगा। इस पांचवे पोषण अभी में  “महिला और स्वास्थ्य” एवं “बच्चे और शिक्षा” पर कार्य किया जाएगा। देश की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी जी द्वारा यह जानकारी प्रदान की गयी है की इस वर्ष का लक्ष्य “पोषण पंचायत” के रूप में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पोषण माह की शुरुआत करना है जिससे इस महीन चलने वाले पोषण अभियान में ग्रामीण इलाको की स्तनपान महिलाएं एवं गर्भवती महिलाएं  साल से कम आयु के बच्चों और किशोरियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे उन्हें पोषण से सम्बन्धी जागरूक किया जाए। आज हम आप सभी को Rashtriya Poshan Maah 2022 से सम्बन्धी महत्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे कृप्या आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

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Rashtriya Poshan Maah 2022

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा साल 2018 में राष्ट्रीय पोषण माह की शुरू किया गया है जिसके बाद देश का 5वीं राष्ट्रीय पोषण माह को शुरू कर दिया गया है जो 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक चलेगा इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण इलाको की कार्यक्रमों की श्रंखला तैयार की गई है जिसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओ को वर्षा जल को स्टोरेज करने के लिए जागरूक किया जाएगा और आदिवासी क्षेत्रों की माँ एवं बच्चो को पारंपरिक खाद्य पदार्थों से जुडी सम्बन्धी जानकारी से अगवत कराया जाएगा। इस कार्यक्रम में पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की अम्मा की रसोई भी शुरू की जाएगी साथ स्थानीय नागरिको को बच्चो के खिलोने बनाने के लिए भी बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नागरिको का विकास कर उन्हें एक बेहतर जीवन यापन करने के लिए सक्षम बनाया जा सके।

राष्ट्रीय पोषण माह

Overview Rashtriya Poshan Abhiyan 2022

कार्यक्रम का नामRashtriya Poshan Maah 2022
संबंधित अभियानपोषण अभियान
संबंधित विभागमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय
कार्यक्रम शुरू किया गयाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा
संचालित अवधि1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर 2022 तक
लाभार्थी6 साल से कम आयु के बच्चे एवं किशोरिया, गर्भवती महिलाएं एवं दूध पिलाने वाली माताएं,
उद्देश्यपोषण के प्रति जागरूक करना
साल2022

Pradhamantri Poshan Abhiyan

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरुआत 8 मार्च साल 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर की गयी है इस योजना का लाभ स्तनपान महिलाओ एवं गर्भवती महिलाओ,किशोरों, 6 साल से कम आयु के बच्चे पोषण से सम्बन्धी परेशानियों को समाप्त कर सुपोषित भारत बनाना है हम सभी जानते है बढ़ते कुपोषण की समस्या की वजह से इस अभियान का संचालन किया गया है इस अभियान को पूरे देश में आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली महिलाओं के माध्यम से चलाया जाता है जिसमे स्तनपान महिलाओ एवं गर्भवती महिलाओ,किशोरों, 6 साल से कम आयु के बच्चे को पोषण के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है साथ ही पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाए जाते हैं।

नेशनल पोषण अभियान 2022 का मुख्य उद्देश्य क्या है

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान को शुरू करने मुख्य उद्देश्य “महिला और स्वास्थ्य” वा “बच्चे और शिक्षा” पर जोर देना है इस एक माह के अभियान के अंतर्गत विकास मंत्रालय के द्वारा ग्राम पंचायत पर कार्य किया जाएगा। Rashtriya Poshan Maah 2022 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक चलाया जाएगा। जिसके माध्यम से नागरिको को पोषण के बारे में जानकारी प्रदान करना है साथ ही स्तनपान महिलाओ एवं गर्भवती महिलाओ को लाभ पहुंचना है और 6 साल से कम आयु के बच्चे के लिए मिलो का आयोजन किया जाएगा। साथ ही इस कार्यक्रम में पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की अम्मा की रसोई भी शुरू की जाएगी साथ स्थानीय नागरिको को बच्चो के खिलोने बनाने के लिए भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह अभियान नागरिको के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा।

राष्ट्रीय पोषण माह 2022 के मुख्य पहलु

  • राष्ट्रीय पोषण अभियान  सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक चलाया जाएगा जिसमे 6 साल से कम आयु के बच्चे, स्तनपान महिलाओ एवं गर्भवती महिलाओ,किशोरों पर खास धियान दिया जाएगा। जिसके माध्यम से उन्हें पोषण के बारे में जानकारी प्रदान करना है
  • ग्रामीण इलाको में जानकरी प्रदान करने के लिए संबंधित जिला पंचायती राज अधिकारियों, सीडीपीओ, स्थानीय अधिकारियों की सहायता प्राप्त की जाएगी ।
  • स्थानीय नागरिको को बच्चो के खिलोने बनाने के लिए भी बढ़ावा दिया जाएगा जिसके अंतर्गत खिलौना निर्माण कार्यशाला आयोजित होगी।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओ को वर्षा जल को स्टोरेज करने के लिए जागरूक किया जाएगा और आदिवासी क्षेत्रों की माँ एवं बच्चो को पारंपरिक खाद्य पदार्थों से जुडी सम्बन्धी जानकारी से अगवत कराया जाएगा।
  • सरकार द्वारा राज्य स्तर पर इस अभियान के तहत पारंपरिक व्यंजनों को ध्यान  में रखकर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिसके लिए पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की अम्मा की रसोई भी शुरू की जाएगी।

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