यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना 2022: डाउनलोड नलकूप योजना आवेदन फॉर्म

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भारत सरकार कभी किसानों को खेती से संबंधित सुविधाएं मुहैया कराकर आय को दोगुना करने के लिए तो कभी किसानों के लोन को माफ करने के लिए समय-समय पर अनेक प्रकार की योजनाएं लॉन्च करती रहती है। जिससे देश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करके आत्मनिर्भर बनाया जा सके। एक ऐसी ही योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए निशुल्क बोरिंग प्रदान करने के लिए की गई है। जिसका नाम यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना है। सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से किसान को उसके खेत में बोरिंग की व्यवस्था करने के लिए आर्थिक एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अगर आप भी इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें। क्योंकि हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से Up Free Boring Yojana से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे-उद्देश्य, लाभ एवं विशेषताएं, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया इत्यादि प्रदान करने जा रहे हैं।

Table of Contents

Up Free Boring Yojana 2022

उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक सूखे की समस्या को देखते हुए सन् 1985 में राज्य के किसानों को उनकी कृषि भूमि पर सिंचाई के लिए बोरिंग की व्यवस्था करवाने के लिए यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का आरंभ किया गया था। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के सामान्य जाति, अनुसूचित जाति/ जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को ही प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही किसानों द्वारा बोरिंग के लिए पंपसेट की व्यवस्था करने के लिए भी बैंक से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत किसानों के पास इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम 0.2 हेक्टर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।अगर किसान के पास 0.2 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि है तो इस स्थिति में Up Free Boring Yojana 2022 के द्वारा किसान समूह बनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कृषि योग्य भूमि की कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है। सरकार द्वारा राज्य के पठारी क्षेत्रों में इनवेल या वैगन ड्रिल मशीन से बोरिंग करने की अनुमति भी प्रदान की गई है। लेकिन इस स्थिति में किसानों को निर्धारित सीमा तक ही अनुदान प्रदान किया जाएगा और किसानों को अतिरिक्त आर व्यय का भार खुद को ही वहन करना पड़ेगा।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य

इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के लघु और सीमांत किसानों को कृषि भूमि की सिंचाई करने के लिए फ्री में बोरिंग की सुविधा प्रदान करना है। क्योंकि प्राकृतिक सूखे के कारण किसान अपनी जमीन को अच्छे से जोत नहीं पाते है। जिसके कारण उनकी फसल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है और उनकी आए कम हो जाती है। लेकिन अब यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के द्वारा राज्य के किसानों को उनकी कृषि योग्य भूमि की सिंचाई करने के लिए निशुल्क बोरिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना को आरंभ करके किसानों की आय में वृद्धि की जा सकेगी और किसान भविष्य के लिए आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।

पारदर्शी किसान सेवा योजना किसान

Key Highlights Of Up Free Boring Yojana 2022

योजना का नामयूपी निःशुल्क बोरिंग योजना
किसने आरंभ कीउत्तर प्रदेश सरकार
लाभार्थीउत्तर प्रदेश के किसान
उद्देश्यनिशुल्क बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना
आधिकारिक वेबसाइटयहां क्लिक करें
साल2022
राज्यउत्तर प्रदेश
आवेदन का प्रकारऑनलाइन/ऑफलाइन

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान

  • श्रेणियां बोरिंग निर्माण हेतु निर्धारित अनुदान पंपसेट की स्थापना करने हेतु निर्धारित अनुदान
  • सामान्य श्रेणी के लघु कृषक ₹3000 प्रति बोरिंग यूनिट कास्ट ₹11300 का 25% अधिकतम ₹2800 प्रति पंप सेट
  • सामान्य श्रेणी के सीमांत कृषक ₹4000 प्रति बोरिंग यूनिट कास्ट ₹11300 का 33% अधिकतम ₹3750 प्रति पंप सेट
  • अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु और सीमांत कृषक ₹6000 प्रति बोरिंग यूनिट कास्ट ₹11300 का 50% अधिकतम ₹5650 प्रति पंप सेट

Note: बुंदेल खंड के उल्लेखनीय जनपद में चिन्हित हुए विकास खंडों में बोरिंग निर्माण के लिए विकासखंड वार अनुदान वास्तविक व्यय अथवा 4500 से ₹7000 जो भी कम हो सरकार द्वारा अनुमन्य है और बुंदेलखंड विकास खंड निधि द्वारा अतिरिक्त अनुदान की राशि वहन की जाएगी। इसके साथ ही सामान्य, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए अगर बोरिंग की निर्धारित सीमा से बोरिंग की लागत अधिक होती है तो इस स्थिति में लाभार्थी द्वारा अतिरिक्त व्यय का वहन स्वयं किया जाएगा।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत लक्ष्यों का निर्धारण

  • प्रत्येक वर्ष प्रदेश में जनपद वार लक्ष्य शासन स्तर पर उपलब्ध कराए गए धनराशि के माध्यम से लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी।
  • प्रदेश में ग्राम पंचायत के लक्ष्यों का निर्धारण क्षेत्र पंचायत के माध्यम से किया जाएगा।
  • निर्धारित लक्ष्य से 25% से अधिक की संख्या में लाभार्थी ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम जल संसाधन समिति की सहमति से उपरोक्त अनुसार चयनित किए जाएंगे।
  • इसके बाद विकास अधिकारी को चयनित लाभार्थियों की सूची प्रस्तुत की जाएगी।

यूपी किसान कल्याण मिशन

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत लाभार्थियों का चयन

  • पात्रता के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
  • जो किसान पहले से ही किसी अन्य सिंचाई योजना का लाभ ले चुके हैं उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान करने के लिए चयनित नहीं किया जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा सन् 2000-01 में लघु सिंचाई कार्यों का सेंसस किए गए था। इस सेंसस के द्वारा असिंचित भूमि वाले किसानों की सूची तैयार की गई थी। इस योजना के तहत इस सूची में आए किसानों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • लाभार्थियों की सूची तैयार करने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा एक अंतिम बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक के द्वारा लाभार्थियों की फाइनल सूची तैयार की जाएगी।

प्राथमिकताएं एवं प्रतिबंध

जिस स्थान पर बोरिंग किया जा रहा है वह कृषि योग्य भूमि है या नहीं। इस बात का ध्यान जरूर रखा जाएगा।
कृषि वाली जगह पर ही बोरिंग किया जाएगा अन्यथा नहीं।
अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंडों में कार्य नहीं किया जाएगा।
इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि किसान द्वारा प्रस्तावित पंपसेट से कम से कम 3 हेक्टर कृषि योग्य जमीन की सिंचाई की जा सके।
प्रदेश के वह विकासखंड जो सेमी क्रिटिकल श्रेणी में आते हैं उन्हें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत सीमा के तहत चयन किया जाएगा।
पंपसेट के मध्य दूरी नाबार्ड द्वारा जनपद विशेष के लिए निर्धारित दूरी से कम नहीं होनी चाहिए।
नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना और समग्र ग्राम विकास योजना के तहत चुने गए ग्रामों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर बोरिंग किया जाएगा।
समग्र ग्राम विकास योजना और नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के ग्रामों में उपलब्ध राशि की सर्वोत्तम पूर्ति की जाएगी।

बोरिंग करने में आने वाली सामग्री की व्यवस्था

  • बोरिंग करने में पीवीसी पाइप का प्रयोग किया जाएगा।
  • उन क्षेत्रों में एमएस पाइप का उपयोग किया जाएगा जहां हाइड्रोजियोलॉजिकल परिस्थितियों के कारण पीवीसी पाइप का उपयोग नहीं हो सकता है।
  • प्रदेश के चिन्हित क्षेत्रों के संबंधित अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई व्रत से अनुमोदन प्राप्त करके ही एसएम पाइप का प्रयोग किया जाएगा।
  • किसानों द्वारा ही पीवीसी पाइप और अन्य सामग्रियों की व्यवस्था की जाएगी।
  • पीवीसी पाइप एवं अन्य सामग्री की दरें जिलाधिकारी के अंतर्गत एक समिति का गठन करके की जाएगी।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का क्रियान्वयन

प्रदेश सरकार द्वारा Up Free Boring Yojana के तहत अनुदान स्वीकृति के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष जिला अधिकारी होंगे। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता, अधिशासी अभियंता (नलकूप खंड चाई विभाग) जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य दो अधिकारी सम्मिलित किए जाएंगे। इसके बाद इस योजना के तहत किसानों को समिति द्वारा अनुदान की स्वीकृति प्रदान की जाएगी और इस समिति के द्वारा ही अन्य सामग्री की दरें भी निर्धारित की जाएंगी। विभागीय बोरिंग टेक्नीशियन के द्वारा अवर अभियंता बोरिंग का कार्य किया जाएगा।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के तहत बोरिंग करते वक्त सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों और वित्तीय नियमों का पालन किया जाएगा। किसान के खेत में बोरिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद बोरिंग कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र पर लाभार्थी, बोरिंग टेक्नीशियन, संबंधित अवर अभियंता एवं प्रधान ग्राम पंचायत के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इसके अलावा ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर बोरिंग से पहले की सूची अवर अभियंता द्वारा सार्वजनिक स्थान पर। प्रदर्शित की जाएगी और क्षेत्र पंचायत की बैठक में यह सूची प्रस्तुति भी की जाएगी।

यूपी कृषि उपकरण योजना

पंपसेट स्थापना एवं अनुदान स्वीकृति हेतु कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • Up Free Boring Yojana के तहत बोरिंग सेट पर पंपसेट स्थापित करने के लिए सभी श्रेणी के किसानों के लिए बैंक से ऋण लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
  • किसान अपनी इच्छा से बैंक से लोन ले सकते हैं अन्यथा नहीं।
  • किसानों को अनुदान दिए जाने के बाद लघु सिंचाई विभाग को बैंक द्वारा निर्धारित रूप पत्र पर समयोजना की कृषक वार सूचना प्रदान की जाएगी।
  • लघु सिंचाई विभाग द्वारा अनुदान की अगले किस्त की धनराशि बैंक को जब दी जाएगी जब पहले उपलब्ध कराएगा अग्रिम अनुदान राशि का समायोजन प्राप्त हो गया हो।
  • किसानों द्वारा स्थापित किए गए पंपसेट की स्थापना से संबंधित जानकारी पत्रावली बनाने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी या अन्य अधिकारी को ऋण वितरण होने के 1 माह के भीतर प्रदान की जाएगी।
  • किसानों द्वारा जब तक पंपसेट को बेचा नहीं जा सकता है जब तक ऋण की पूरी राशि बैंक‌ को लौटा दी ना जाए।
  • स्थापित पंप सेट का सत्यापन विभागीय अधिकारी द्वारा 2 माह के अंदर किया जाएगा।
  • यदि किसी स्थिति में सत्यापन के दौरान अनुदान के गलत उपयोग की जानकारी प्राप्त होती है तो इस बात की सूचना अधिशासी अभियंता, संबंधित बैंक जिला अधिकारी एवं मुख्य अभियंता (लघु सिंचाई विभाग) को प्रदान की जाएगी।
  • किसान द्वारा अनुदान का गलत प्रयोग किया जाता है तो इस स्थिति में किसान से अनुदान की राशि वापस ले ली जाएगी और उसे सिंचाई विभाग को वापस कर दिया जाएगा।
  • अगर किसान दुरुपयोग की गई अनुदान की राशि वापस नहीं करता है तो ऐसे मामले को शासन द्वारा विशेष गंभीरता से लिया जाएगा।
  • आईएसआई मार्क का पंपसेट बाजार में उपलब्ध किसी भी पंपसेट निर्माता के अधिकृत विक्रेता से खरीदा जा सकता है।
  • अगर किसान अधिक क्षमता वाला पंपसेट लगवाना चाहता है तो इस स्थिति में बोरवेल की क्षमता पंपलेट की क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाएगी।

बोरिंग की गुणवत्ता पर नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन

  • इस योजना का समयबद्ध सुचारू रूप से संचालन करने के लिए निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति की जाएगी।
    बोरिंग के गुणवत्ता के उच्च स्तर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • इस योजना की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर सत्यापन, जांच एवं निरीक्षण किया जाएगा।
    अधीक्षण अभियंता द्वारा सत्यापन की कार्यवाही करते समय प्रत्येक महा अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी सहित सत्यापन की रिपोर्ट मुख्यालय में जमा की जाएगी।
  • निर्मित कार्यो का सत्यापन ग्राम पंचायत की जल संसाधन समिति के द्वारा किया जाएगा।
  • खेत में बोरिंग का कार्य पूरा हो जाने के बाद इस बात की सूचना ग्राम प्रधान एवं जल संसाधन समिति को प्रदान करने अनिवार्य हैं।
  • इसके बाद बोरिंग के स्थल का सत्यापन विभागीय अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
  • इस योजना के तहत स्थापित बोरिंग कार्य की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लघुं सिंचाई विभाग के विभिन्न स्तरों के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर सत्यापन किया जाएगा।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के तहत सामान्य दिशा निर्देश

  • खंड विकास अधिकारी एवं लाभार्थी किसान को मॉडल प्रक्कालन की प्रतियां प्रदान की जाएगी।
  • लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत में इस योजना के प्रावधान से संबंधित सभी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।
  • किसान के खेत में बोरिंग का काम शुरू होने से पहले कृषि ग्राम प्रधान जल संसाधन समिति के अध्यक्ष को अवगत कराने की व्यवस्था की जाएगी।
  • खेत में बोरिंग का कार्य शुरू होने से पहले एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। इस आयोजन में लाभार्थी, ग्राम प्रधान, जल संसाधन समिति के सदस्य अन्य ग्रामवासी शामिल होंगे।
  • लाभार्थियों का चयन एवं ऋण लेने के इच्छुक लोगों को ऋण स्वीकृति जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खंड विकास अधिकारी के दायित्व में की जाएगी।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के लाभ एवं विशेषताएं

  • सन् 1985 में राज्य के किसानों को उनकी कृषि भूमि पर सिंचाई के लिए बोरिंग की व्यवस्था करवाने के लिए यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का आरंभ किया गया था।
  • उत्तर प्रदेश के सामान्य जाति, अनुसूचित जाति/ जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को इस योजना का प्रदान किया जाता है।
  • Up Free Boring Yojana के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत किसानों के पास कम से कम 0.2 हेक्टर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कृषि योग्य भूमि की कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
  • किसानों द्वारा बोरिंग के लिए पंपसेट की व्यवस्था करने के लिए भी बैंक से ऋण प्राप्त भी किया जा सकता है।
  • Up Free Boring Yojana के तहत बोरिंग सेट पर पंपसेट स्थापित करने के लिए सभी श्रेणी के किसानों के लिए बैंक से ऋण लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के तहत पात्रता मापदंड

  • आवेदनकर्ता को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
  • आवेदनकर्ता किसान होना चाहिए।
  • सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत किसानों के पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
  • यदि किसी किसान ने पहले अन्य किसी सिंचाई योजना का लाभ प्राप्त किया है तो वह इस योजना का लाभ लेने का पात्र नहीं है।

महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • आयु का प्रमाण
  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर

यूयूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया

  • सबसे पहले आपको लघु सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
  • इसके बाद आपके सामने वेबसाइट के होम पेज खुलकर आ जाएगा।
  • वेबसाइट के होम पेज पर आपको योजनाएं के विकल्प पर क्लिक देना है।
  • अब आपके सामने पीडीएफ फॉर्मेट में ऑनलाइन आवेदन पत्र खुलकर आ जाएगा‌।
  • इस पत्र का आपको प्रिंट आउट निकालना है।
  • इस आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पता आदि दर्ज करके आवश्यक दस्तावेजों को अटैच कर देना है।
  • इसके बाद आपको यह आवेदन पत्र अपने नजदीकी लघु सिंचाई विभाग में जाकर जमा कर देना है।
  • इस प्रकार से आप यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।

संपर्क विवरण

  • कार्यालय का पता- मुख्य अभियंता, लघु सिंचाई विभाग, तृतीय तल, उत्तर विंग, जवाहर भवन, लखनऊ 226001
  • फोन नं० : 2286627 / 2286601 / 2286670
  • फैक्स : 2286932
  • ईमेल : milu-up@nic.in

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