पंचवर्षीय योजना क्या है ? Five Year Plan, 13वीं पंचवर्षीय योजना की जानकारी हिंदी में

पंचवर्षीय योजना हर पांच वर्षो में केंद्र सरकार के द्वारा देश के आर्थिक एवं समाजिक विकास के लिए यह योजना शुरु की जाती है। Five Year Plans केंद्रीकृत और एकीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम है। जिसके अंतर्गत समाज में लोगो के लिए नए नए बदलाव किये जा सके। केंद्र सरकार के द्वारा अब तक इस 12 पंचवर्षीय योजनाएं लागु की जा चुकी है। इस योजना के माध्यम से देश में कृषि विकास रोज़गार के अवसर प्रदान करना मानवीय, व भौतिक ससाधनो का उपयोग करके उत्पादकों को बढ़ावा देना है। आपको हम अपने इस लेख के माध्यम से इस योजना से जुडी सभी जानकारी प्रदान करने जा रहे है। अतः आप हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।

Table of Contents

पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956)

पहली पंचवर्षीय योजना वर्ष 1951 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने शुरू की थी, जिसका कार्यकाल  वर्ष 1956 तक चला| यह भारत की राष्ट्रीय योजना है, जिसे योजना आयोग द्वारा प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में विकसित और कार्यान्वित किया जाता है। इसके अलावा, इस प्रथम योजना के दौरान पांच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई थी।

Panchvarshiya Yojana

Highlights of Five Year Plans

योजना का नामपंचवर्षीय योजना, Five Year Plans
आरम्भ की गईभारत सरकार द्वारा
आरम्भ का वर्ष1951
लाभार्थीसभी वर्गों के भारतीय निवासी
पंचवर्षीय योजनाओं की संख्या13
उद्देश्यकृषि और रोजगार के अवसरों का विकास
लाभविभिन्न वर्ग, समुदाय के लोगों के लिए योजनाओं की शुरुआत
आधिकारिक वेबसाइटयहां क्लिक करें
श्रेणीकेंद्र सरकारी योजनाएं

प्रथम पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • न्यूनतम समय में खाद्यान्न के मामले में  आत्मनिर्भरता प्राप्त करना
  • महंगाई पर नियंत्रण।
  • शरणार्थी पुनर्वास
  • इसके साथ ही राष्ट्रीय आय में निरंतर वृद्धि के आश्वासन के लिए, इस योजना में सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया शुरू की गई।
  • इस योजना में  कृषि को प्राथमिकता दी गई।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 -1961)

इस योजना का कार्यकाल 1956 से 1961 तक रहा, जिसमे  उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया गया था। 2nd Five Year Plan में औद्योगिक उत्पादों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन दिया गया। इस योजना के तहत, राष्ट्रीय आय को 25% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया, ताकि 5 वर्षों में देश के लोगों के जीवन स्तर को बढ़या जा सके । 2nd Five Year Plan में उत्पादक क्षेत्रों के बीच निवेश के इष्टतम आवंटन को निर्धारित करने के लिए दीर्घकालीन आर्थिक विकास को बढ़ाने की कोशिश की गयी|

द्वितीय पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • इस योजना में  उद्योग को प्राथमिकता दी गई।
  • इस योजना के तहत, देश में उत्पादकों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन दिया गया था।
  • यह योजना एक बंद अर्थव्यवस्था थी, जिसमें मुख्य व्यावसायिक गतिविधि आयात पूंजीगत वस्तुओं पर केंद्रित किया गया ।
  • इस योजना के दौरान तीन बड़े इस्पात कारखानों का निर्माण किया गया – भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला।

तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-1966)

3rd Five Year Plan का लक्ष्य कृषि और गेहूं उत्पादन में सुधार पर जोर देना था । परन्तु 1962 के संक्षिप्त भारत-चीन युद्ध में अर्थव्यवस्था की कमजोरियां उजागर हुई और यही कारण था जिसने सरकार का रक्षा उद्योग की तरफ ध्यान केंद्रित कर दिया। इस योजना का कार्यकाल 1961 से 1966 तक रहा। 3rd Five Year Plan के तहत कई सीमेंट और उर्वरक संयंत्र भी बनाए गए और पंजाब में गेहूं का प्रचुर उत्पादन शुरू कर दिया गया। इस योजना के तहत देश में कृषि और गेहूं उत्पादन को बढ़ावा दिया गया।

तृतीय पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • इस योजना में कृषि एवं उद्योग पर अधिक  ध्यान दिया गया ।
  • तीसरी पंचवर्षीय योजना में  अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने  और विदेशों में निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया ।
  • इस योजना के तहत, नए उद्योगों का विस्तार किया गया था जैसे सीमेंट, रासायनिक खाद्य आदि।
  • घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 5.6 प्रतिशत की विकास दर हासिल करना था। हासिल की गई विकास दर 2.84 प्रतिशत थी।

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974)

इस योजना को वर्ष 1969 में शुरू किया गया था। इस योजना का कार्यकाल 1969 से 1974 तक रहा। 4th Five Year Plan के प्रारंभ के समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। चौथी पंचवर्षीय योजना के तहत, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने 14 प्रमुख भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और हरित क्रांति द्वारा कृषि उन्नत को बढ़ावा मिला । इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनावों के समय ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था। औद्योगिक विकास के लिए निर्धारित धनराशि, युद्ध के प्रयास के लिए भेजी गई थी।

चौथी पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • इस योजना के तहत आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी गई।
  • स्थिरता के साथ आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की अधिक से अधिक प्राप्ति भी इस योजना का लक्ष्य था|
  • चौथी पंचवर्षीय योजना में विकास दर 5.7% रखा गया और वास्तव में यह केवल 3.3% ही प्राप्त किया जा सका।

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974 – 1979 )

पांचवी पंचवर्षीय योजना में  कृषि उत्पादन और रक्षा में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया । क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना 2 अक्टूबर 1975 को हुई थी। इस योजना का लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय असमानता को कम करके, गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ आत्मनिर्भरता हासिल करना था।

छठी पंचवर्षीय योजना (1980-1985)

यह योजना आर्थिक उदारीकरण के लिए शुरू की गई थी । छठी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल सन 1980 से सन 1985 तक रहा। छठी पंचवर्षीय योजना पहली बार जनता पार्टी (1978-1983 की अवधि), “अनवरत योजना” द्वारा तैयार की गई। लेकिन 1980 में इंदिरा गांधी की नई सरकार के गठन के बाद, 6th Five Year Plan को समाप्त कर दिया गया और नई छठी पंचवर्षीय योजना (1980-1985) शुरू की गई। योजना ने देश में गरीबी को खत्म करने और रोजगार प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान 

छठी पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • देश से गरीबी उन्मूलन और आर्थिक विकास, आधुनिकीकरण और सामाजिक न्याय स्थापित करना इस योजना  लक्ष्य में शामिल किया गया था।
  • इस योजना के तहत, मुद्रास्फीति 16.7% से घटकर 5% हो गई।

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-1990)

यह योजना भारत में उत्पादन बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई थी। सातवीं पंचवर्षीय योजना में इंदिरा आवास योजना, इंदिरा आवास योजना (1985-86), जवाहर रोजगार योजना (1989) और नेहरू रोजगार योजना (1989) लागू की गईं। 7 वीं योजना समाजवाद और बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन की ओर लक्षित थी।

सातवीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य

  • देश में गरीबी कम करना और उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • सामाजिक गतिविधियों में प्रगति लाना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों को प्रगति की ओर ले जाना।

आठवीं पंचवर्षीय योजना ( 1992-1997)

इस योजना के तहत, देश में सर्वोच्च प्राथमिकता ‘मानव संसाधन के विकास’ या रोजगार, शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को दी गई। इस योजना के तहत शिक्षा में सुधार करना। 8th Five Year Plan के तहत, भारतीय अर्थव्यवस्था का क्रमिक उद्घाटन, तेजी से बढ़ते घाटे और विदेशी ऋण को सही किया गया। इस योजना के अंतर्गत जनसंख्या वृद्धि, गरीबी में कमी, रोजगार सृजन नियंत्रण, आधारभूत संरचना, संस्थागत निर्माण, पर्यटन प्रबंधन, मानव संसाधन विकास, पंचायत राज, नगर पालिका, गैर सरकारी संगठन और विकेंद्रीकरण और लोगों की भागीदारी को मजबूत करना। 26.6% के साथ ऊर्जा परिव्यय को प्राथमिकता दी गई।

आठवीं पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य

  • 15 से 35 वर्ष के लोगों में निरक्षरता उन्मूलन और प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमिकरण।
  • सदी के अंत तक पूर्ण रोजगार प्राप्त करना।
  • योजना के अंतर्गत ऊर्जा, परिवहन, संचार और सिंचाई को मजबूत करना।

नवी पंचवर्षीय योजना  (1997-2002)

नौवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1997 से वर्ष 2002 तक चला। इस योजना को तेजी से औद्योगिकीकरण, मानव विकास, पूर्ण पैमाने पर रोजगार, गरीबी में कमी और घरेलू संसाधनों पर निर्भरता के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। स्वर्ण जयंती शहर रोजगार योजना, जवाहर ग्राम समृद्धि योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना ’इस योजना के अंतर्गत शामिल की गई। 9th Five Year Plan के तहत बुनियादी ढांचागत सुविधाएं, सुरक्षित पेयजल, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन, ऊर्जा, बढ़ती जनसंख्या आदि की जांच करने के लिए महिला सशक्तिकरण प्रदान करना शामिल थे।

9वीं पंचवर्षीय योजना का  उद्देश्य

  • 9वीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास को प्राप्त करना था। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, रोजगार, आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय संतुलन जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया जाना चाहिए।
  • नौवीं योजना में कृषि क्षेत्र में विकास दर के 3.9 प्रतिशत के लक्ष्य के खिलाफ वास्तविक उपलब्धि केवल 2.1 प्रतिशत थी।
  • प्राकृतिक संसाधनों का उचित तरीके से उपयोग करना और उन्हें पूरी तरह से संरक्षित करना।

दसवीं पंचवर्षीय योजना  (2002-2007)

10th Five Year Plans के तहत, वर्ष 2007 तक गरीबी के अनुपात को 5 प्रतिशत तक कम करके, श्रम बल के अलावा, लाभकारी और उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां प्रदान की गईं। इस दसवीं पंचवर्षीय योजना के तहत, देश के उन क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ जहां रोजगार के अवसर उपलब्ध थे। इनमें कृषि, निर्माण, पर्यटन, लघु उद्योग, खुदरा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार से संबंधित सेवाएं शामिल हैं।

दसवीं पंचवर्षीय योजना  का उद्देश्य

  • इस योजना के तहत, देश के अविकसित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराए गए थे।
  • 10 वीं पंचवर्षीय योजनाओं में, कृषि पर सबसे अधिक जोर दिया गया था और ऊर्जा पर अधिकतम खर्च किया गया था।
  • 2007 तक प्राथमिक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच  बनाई गयी ।

ग्यारवी पंचवर्षीय योजना (2007 -2012)

यह योजना 1 अप्रैल 2007 को शुरू की गई थी। 11 वीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 2007 से 31 मार्च 2012 तक चला था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य तीव्र और समावेशी विकास था। राज्य के पंचवर्षीय योजनाओं का कुल बजट 71731.98 करोड़ रुपये, योजना आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया। कृषि में 4%  की वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उद्द्योग और सेवाओं में प्रति वर्ष 9-11% की वृद्धि। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी से नीचे रहने वाले लोगों के लिए बिजली तक पहुंच।

इंडेन गैस बुकिंग

बाहरवीं पंचवर्षीय योजना (2012 -2017)

यह योजना 01 अप्रैल, 2012 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, योजना आयोग ने 12 वीं पंचवर्षीय योजना में 01 अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 तक 10 प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। वैश्विक आर्थिक संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा। बाहरवीं पंचवर्षीय योजनाओं के तहत, आर्थिक क्षेत्र में कृषि, उद्योग, ऊर्जा, परिवहन, संचार, ग्रामीण विकास और शहरी विकास और सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास, महिला एजेंसी, बाल अधिकार और सामाजिक समावेश शामिल थे। 12 वीं पंचवर्षीय योजनाओं की वार्षिक वृद्धि दर के आंकड़े 8.2 प्रतिशत रखे गए।

तेहरवी पंचवर्षीय योजना (2017 – 2022 )

यह योजना वर्ष 2017 से 2022 तक लॉन्च की जाएगी। 13th Five Year Plan के तहत संसाधनों की पुस्तकों, क्लास रूम आदि की मरम्मत की जाएगी और रेमेडियल क्लासेस के तहत, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के कमजोर विद्यार्थियों को अलग से स्पेशल क्लासेज दी जाएगी। राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पात्रता परीक्षा, सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को मार्गदर्शन दिया जाएगा। विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा। करियर काउंसलिंग के लिए अलग से बजट भी उपलब्ध होगा।

प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना

पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य

देश के विकास के लिए इस योजना को शुरू की गई। पंचवर्षीय योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विकास दर में वृद्धि करना है। इन योजनाओं के माध्यम से निवेश को भी बढ़ाया जाता है। इसके साथ ही, पंचवर्षीय योजनाओं में सामाजिक न्याय, गरीबी हटाने, पूर्ण रोजगार, आधुनिकीकरण आदि का भी ध्यान रखा जाता है। हमारे देश में अब तक 13 योजनाएं लागू की गई हैं। जिसके माध्यम से सरकार द्वारा कुछ उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं और फिर उस उद्देश्य पर काम किया गया है। इन 5-वर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति में भी बहुत सुधार हुआ है।

पंचवर्षीय योजनाओं का इतिहास

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 9 जुलाई 1951 को संसद में इस योजना प्रस्तुत की। ये योजनाएं स्वतंत्रता के बाद संसाधनों के प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाई गई योजनाओं का एक औपचारिक मॉडल थीं। पंचवर्षीय योजनाओं के संचालन के लिए 15 मार्च 1950 को भारत योजना आयोग का गठन किया गया था। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का उचित आवंटन, उत्पादन में वृद्धि और सभी के लिए रोजगार के अवसर हैं। इन योजनाओं के माध्यम सेदेश के सभी नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की जिम्मेदारी  योजना आयोग को  सौंपी गई थी। भारत में अब तक 13 पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की गई हैं।

Key Highlights of Panchvarshiya Yojana

योजना का नामपंचवर्षीय योजना
किस ने लांच कीभारत सरकार
लाभार्थीभारत के नागरिक
उद्देश्यदेश का विकास करना
आधिकारिक वेबसाइटयहां क्लिक करें
साल2022

पंचवर्षीय योजनाओं के लाभ एवं विशेषताएं

  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 9 जुलाई 1951 को पंचवर्षीय योजनाएँ प्रस्तुत की गईं।
  • 15 मार्च 1950 को भारतीय योजना आयोग का गठन इन योजनाओं के संचालन के लिए किया गया था।
  • पंचवर्षीय योजनाओं के तहत कुछ योजनाएँ 5 वर्षों के लिए चलाई जाती हैं ताकि देश का विकास हो सके और फिर अगले 5 वर्षों के लिए नई योजनाएँ बनाई जाती है।
  • निवेश को पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से भी पढ़ाया जाता है।
  • इन योजनाओं के माध्यम से सामाजिक न्याय, गरीबी हटाने, पुणे रोजगार, आधुनिकीकरण आदि पर भी ध्यान दिया जाता है।
  • अब तक देश में 13 5 Five Year Plans लागू किये गए  हैं।
  • इन पंचवर्षीय योजनाओं का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है और साथ ही देशवासियों की जीवन शैली में सुधार लाना है।
  • इन योजनाओं के माध्यम से, उत्पादन में वृद्धि, संसाधनों का उचित आवंटन और सभी को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य :

  • पंचवर्षीय योजना में बहुत सी मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित विकास अपनाया गया है।
  • देश के नागरिको को बेहतर स्वास्थ्य, पीने के लिए शुद्ध और साफ़ पानी, गाँव गाँव में पहुँचना जैसी सुवधाओं का विकास करना।
  • केंद्र सरकार के द्वारा देश के नागरिको को कोने कोने में और आखिरी छोर तक नागरिकों को सुविधा प्रदान करना।
  • बैंकिंग व डिजिटल सुविधाओं की जानकारी देना। व इनके इस्तेमाल हेतु उन्हें प्रेरित करना।
  • बेटा और बेटी , पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्गों के बीच की असमानता को खत्म करना।

Leave a Comment